गुरुवार, 20 मार्च 2025

बाबा भूतनाथ की आरती - baba bhootnath ki aarti - Dharmik Granth

baba bhootnath ki aarti

बाबा भूतनाथ को भगवान शिव का रौद्र और जागृत रूप माना जाता है। उन्हें तंत्र साधना और सिद्धियों के अधिष्ठाता देवता कहा जाता है। बाबा भूतनाथ भक्तों की मनोकामनाएं शीघ्र पूरी करते हैं और जीवन के समस्त कष्टों का निवारण करते हैं। उनके दरबार में सच्चे मन से प्रार्थना करने वाले भक्तों को भूत-प्रेत बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।

जय भूतनाथ बाबा, जय भूतनाथ बाबा |

नंदीश्वर त्रिपुरेश्वर तुम हो भूतेश्वर बाबा || जय भूतनाथ बाबा | 

आभूषण रुद्रो के सोहे, गले मुंड माला |

नागराज नागेश्वर तेरे, तन पर मृग छाला || जय भूतनाथ बाबा | 

अंग भभूत रमाये रहते, गिरजा के स्वामी | 

उमापति गणपति महादेवा, तुम अंतर्यामी || जय भूतनाथ बाबा | 

जटा में गंगा धार समाई, मस्तक चंद्र सजे | 

मृत्युदेव नटराज तुम्हारे, पग में नूपुर बजे || जय भूतनाथ बाबा || 

डम डम डम डम डमरु बाजे, नट भैरव नाचे | 

सुर नर किन्नर तेरे द्वारे वेद मंत्र बजे || जय भूतनाथ बाबा || 

त्रिभुवन की रक्षा करने को, कर त्रिशूल धरा | 

महाकाल कालेश्वर तेरा, रूप लगे प्यारा || जय भूतनाथ बाबा || 

तुम शमशान पति हो स्वामी, तुम औघड़दानी | 

मृत्युलोक से तुम बिन देवा, मुक्त ना हो प्राणी || जय भूतनाथ बाबा || 

आरती भूतनाथ बाबा की, जो कोई नर गावे | 

भक्ति हृदय राजेंद्र समावे , सुख सम्पति पावे || जय भूतनाथ बाबा || 

जय भूतनाथ बाबा, जय भूतनाथ बाबा | 

नंदीश्वर त्रिपुरेश्वर तुम हो, भूतेश्वर बाबा || जय भूतनाथ बाबा || 


Baba bhootnath ki aarti
बाबा भूतनाथ की आरती 

जय हो बाबा भूतनाथ! जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से आपकी आरती करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति का वास होता है। बाबा भूतनाथ की आरती का नियमित पाठ करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और भक्त को आत्मिक बल प्राप्त होता है।


🙏 बाबा भूतनाथ की आरती का पाठ करने से जीवन में शांति, समृद्धि और आत्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है। जय हो बाबा भूतनाथ की! 🙏

गुरुवार, 13 मार्च 2025

ईश्वर की योजना: एक राजा, एक संत और तीन सवालों की कहानी - Dharmik Granth

राजा और संत - dharmik granth


बहुत समय पहले की बात है। एक विशाल राज्य में एक बुद्धिमान और दयालु राजा राज करता था। उसका नाम राजा विक्रम था। राजा विक्रम अपनी प्रजा की भलाई के लिए हमेशा तत्पर रहता था, लेकिन उसके मन में हमेशा एक सवाल रहता था: "ईश्वर की योजना क्या है? और मैं उसे कैसे समझ सकता हूँ?"


एक दिन, राजा ने सुना कि एक महान संत उसके राज्य के पास आए हैं। संत के बारे में लोग कहते थे कि वह ईश्वर के बारे में गहरा ज्ञान रखते हैं और हर किसी की समस्याओं का समाधान बताते हैं। राजा ने सोचा कि शायद संत उसके सवालों का जवाब दे सकते हैं।


राजा संत के पास गया और उन्हें प्रणाम किया। संत ने पूछा, "राजन, तुम क्यों आए हो?"


राजा ने कहा, "महाराज, मेरे मन में तीन सवाल हैं जो मुझे हमेशा परेशान करते हैं। कृपया मेरी मदद करें।"


संत ने कहा, "बताओ, तुम्हारे सवाल क्या हैं?"


राजा ने अपने सवाल बताए:

  • ईश्वर की योजना क्या है?
  • हम ईश्वर की योजना को कैसे समझ सकते हैं?
  • ईश्वर की योजना में हमारा क्या स्थान है?


संत ने मुस्कुराते हुए कहा, "राजन, तुम्हारे सवाल बहुत गहरे हैं। इनका जवाब पाने के लिए तुम्हें एक काम करना होगा। तुम्हें तीन दिन तक जंगल में रहना होगा और वहाँ जो कुछ भी होगा, उसे ध्यान से देखना होगा। फिर तुम मेरे पास वापस आना।"


राजा ने संत की बात मान ली और अगले दिन सुबह जंगल की ओर चल पड़ा।



पहला दिन: ईश्वर की योजना

जंगल में पहुँचकर राजा ने देखा कि एक बूढ़ा आदमी पेड़ के नीचे बैठा है और रो रहा है। राजा ने उससे पूछा, "बाबा, तुम क्यों रो रहे हो?"


बूढ़े आदमी ने कहा, "मेरा बेटा बीमार है, और मेरे पास उसकी दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। मैं बहुत परेशान हूँ।"


राजा ने उसे कुछ सोने के सिक्के दिए और कहा, "जाओ, अपने बेटे का इलाज कराओ।"


बूढ़े आदमी ने राजा को धन्यवाद दिया और चला गया।


राजा ने सोचा, "शायद यही ईश्वर की योजना थी कि मैं इस बूढ़े आदमी की मदद करूँ।"



दूसरा दिन: ईश्वर की योजना को समझना

अगले दिन, राजा ने देखा कि एक युवक पेड़ से गिर गया है और उसका पैर टूट गया है। राजा ने उसकी मदद की और उसे अपने महल में ले जाकर इलाज करवाया।


युवक ने राजा को धन्यवाद दिया और कहा, "महाराज, आपने मेरी जान बचाई। मैं आपका आभारी हूँ।"

राजा ने सोचा, "शायद ईश्वर की योजना यह थी कि मैं इस युवक की मदद करूँ।"



तीसरा दिन: ईश्वर की योजना में हमारा स्थान

तीसरे दिन, राजा ने देखा कि एक छोटा बच्चा रास्ता भटक गया है और रो रहा है। राजा ने उसे उसके घर तक पहुँचाया।


बच्चे के माता-पिता ने राजा को धन्यवाद दिया और कहा, "महाराज, आपने हमारे बच्चे की जान बचाई। हम आपके आभारी हैं।"


राजा ने सोचा, "शायद ईश्वर की योजना यह थी कि मैं इस बच्चे की मदद करूँ।"



संत के पास वापसी

तीन दिन बाद, राजा संत के पास वापस गया और उन्हें सारी घटनाएँ बताईं। संत ने मुस्कुराते हुए कहा, "राजन, तुमने ईश्वर की योजना को समझ लिया है। ईश्वर की योजना यह है कि हम एक-दूसरे की मदद करें और दुनिया को बेहतर बनाएँ। तुम्हारा स्थान इस योजना में एक मददगार के रूप में है।"


राजा ने संत को धन्यवाद दिया और समझ गया कि ईश्वर की योजना हमेशा हमारे लिए सर्वोत्तम होती है।



कहानी का संदेश:

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ईश्वर की योजना हमेशा हमारे लिए सही होती है। हमें बस दूसरों की मदद करनी है और ईश्वर पर विश्वास रखना है।



आध्यात्मिक विचार:

  1. ईश्वर की योजना हमेशा हमारे लिए सर्वोत्तम होती है।

  2. दूसरों की मदद करना ही ईश्वर की सच्ची पूजा है।

  3. ईश्वर पर विश्वास रखने से ही हम जीवन के सच को समझ सकते हैं।


प्रेरणादायक कोट्स:

  1. "ईश्वर की योजना हमेशा हमारी अपेक्षाओं से बेहतर होती है।"

  2. "दूसरों की मदद करो, क्योंकि यही ईश्वर की इच्छा है।"

  3. "ईश्वर पर विश्वास रखो, क्योंकि वही सच्चा मार्गदर्शक है।"



मंगलवार, 11 मार्च 2025

ईश्वर की कृपा: एक गरीब लकड़हारे की प्रेरणादायक कहानी - Dharmik Granth

गरीब लकड़हारा


यह प्रेरणादायक कहानी एक गरीब लकड़हारे की है जिसने ईश्वर की कृपा से अपनी जिंदगी बदल दी। जानिए कैसे भगवान पर विश्वास रखने से सब कुछ संभव है।

एक समय की बात है, एक गाँव में एक गरीब लकड़हारा रहता था। उसका नाम रामू था। रामू बहुत मेहनती था, लेकिन उसकी किस्मत ने हमेशा उसका साथ नहीं दिया। वह रोज जंगल में जाता और लकड़ियाँ काटकर बाजार में बेचता, लेकिन उसकी आमदनी इतनी कम थी कि वह अपने परिवार का पेट भरने के लिए भी संघर्ष करता था।


एक दिन, जब रामू जंगल में लकड़ियाँ काट रहा था, उसने एक संत को देखा। संत बहुत ही शांत और तेजस्वी थे। रामू ने संत के पास जाकर प्रणाम किया और कहा, "महाराज, मैं बहुत गरीब हूँ। मैं क्या करूँ जिससे मेरी जिंदगी बदल जाए?"


संत ने मुस्कुराते हुए कहा, "बेटा, ईश्वर की कृपा से ही सब कुछ संभव है। तुम रोज सुबह उठकर भगवान का नाम लो और उनसे प्रार्थना करो। वह तुम्हारी मदद जरूर करेंगे।"


रामू ने संत की बात मान ली और अगले दिन से वह रोज सुबह उठकर भगवान का नाम लेने लगा। वह भगवान से प्रार्थना करता, "हे प्रभु, मेरी मदद करो। मुझे एक बेहतर जीवन दो।"


कुछ दिनों बाद, रामू को जंगल में एक पुराना कुआँ दिखाई दिया। कुएँ के पास एक पेड़ था जिसकी जड़ें बहुत गहरी थीं। रामू ने सोचा कि शायद इस पेड़ की लकड़ी बहुत मजबूत होगी। उसने पेड़ को काटना शुरू किया। जैसे ही पेड़ गिरा, रामू ने देखा कि पेड़ की जड़ों के नीचे एक छोटा सा बक्सा दबा हुआ है।


रामू ने बक्सा खोला तो उसमें सोने के सिक्के और कीमती रत्न थे। वह हैरान रह गया। उसने सोचा, "यह तो ईश्वर की कृपा है!" रामू ने वह खजाना घर ले जाया और उसकी मदद से उसने अपने परिवार की जिंदगी बदल दी।


रामू ने खजाना पाकर अपने परिवार की जिंदगी बदल दी, लेकिन उसने यह भी सीखा कि धन से ज्यादा महत्वपूर्ण ईश्वर पर विश्वास है। उसने गाँव में एक मंदिर बनवाया और गरीबों की मदद करना शुरू किया। उसकी कहानी पूरे गाँव में फैल गई, और लोग उससे प्रेरणा लेने लगे।


एक दिन, वही संत फिर से गाँव में आए। रामू ने उन्हें देखकर प्रणाम किया और कहा, "महाराज, आपकी कृपा से मेरी जिंदगी बदल गई।" संत ने मुस्कुराते हुए कहा, "बेटा, यह तुम्हारे ईश्वर पर विश्वास और मेहनत का फल है। ईश्वर हमेशा उनकी मदद करते हैं जो सच्चे मन से उन पर भरोसा करते हैं।"


रामू ने संत से पूछा, "महाराज, मैं और क्या कर सकता हूँ?" संत ने कहा, "तुम अपनी कहानी दूसरों को सुनाओ और उन्हें ईश्वर पर विश्वास करने की प्रेरणा दो।"


रामू ने ऐसा ही किया। उसने अपनी कहानी सुनाकर लोगों को ईश्वर पर विश्वास करने और मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। उसकी कहानी ने सभी को यह सिखाया कि ईश्वर की कृपा से ही सब कुछ संभव है।


संदेश:

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ईश्वर की कृपा से ही सब कुछ संभव है। अगर हम ईमानदारी से मेहनत करें और ईश्वर पर विश्वास रखें, तो हमारी जिंदगी बदल सकती है।


गुरु और शिष्य की प्रेरणादायक आध्यात्मिक कहानी | ईश्वर पर विश्वास - Dharmik Granth

आध्यात्मिक कहानियाँ

यह आध्यात्मिक कहानी गुरु और शिष्य के बीच ईश्वर पर विश्वास और धैर्य के महत्व को दर्शाती है। जानिए कैसे ईश्वर की योजना हमेशा सही होती है।


बहुत समय पहले की बात है। एक गुरु और उनके शिष्य हिमालय की तलहटी में एक आश्रम में रहते थे। गुरु बहुत ज्ञानी और तपस्वी थे, जबकि शिष्य जिज्ञासु और ईश्वर के प्रति गहरी आस्था रखने वाला था। एक दिन, गुरु ने शिष्य को बुलाया और कहा, "बेटा, तुम्हारी शिक्षा पूरी हो चुकी है। अब तुम्हें एक महत्वपूर्ण कार्य सौंपना चाहता हूँ।"

शिष्य ने विनम्रता से सिर झुकाया और कहा, "गुरुजी, आज्ञा दीजिए।"


गुरु ने उसे एक पत्थर का टुकड़ा दिया और कहा, "इस पत्थर को ले जाओ और इसे बाजार में ले जाकर बेचने का प्रयास करो। लेकिन याद रखना, इसकी कीमत कम से कम 100 सोने के सिक्के होनी चाहिए।"


शिष्य ने पत्थर लिया और बाजार की ओर चल पड़ा। वहाँ पहुँचकर उसने पत्थर को दुकानदारों को दिखाया, लेकिन हर कोई उसे देखकर हँसता और कहता, "यह तो बेकार पत्थर है! इसे कौन खरीदेगा?" शिष्य निराश होकर आश्रम लौट आया और गुरु को सारी बात बताई।


गुरु मुस्कुराए और कहा, "कल इसे फिर से ले जाओ, लेकिन इस बार इसे एक जौहरी को दिखाना।"


अगले दिन, शिष्य ने पत्थर को एक जौहरी के पास ले जाया। जौहरी ने पत्थर को देखा और आश्चर्यचकित हो गया। 


उसने कहा, "यह तो एक बहुमूल्य हीरा है! मैं इसे 10,000 सोने के सिक्कों में खरीद सकता हूँ।"


शिष्य हैरान रह गया। वह तुरंत आश्रम लौटा और गुरु को सारी बात बताई। गुरु ने कहा, "बेटा, यही जीवन का सच है। हर व्यक्ति की अपनी योग्यता होती है, लेकिन उसकी सही पहचान सही जगह और सही लोगों से ही होती है। ईश्वर ने हर किसी को एक विशेष उद्देश्य के साथ बनाया है। तुम्हें बस धैर्य रखना है और उसकी योजना पर विश्वास करना है।"


कहानी का संदेश:


इस आध्यात्मिक कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ईश्वर पर विश्वास रखने वाले को कभी भी हार का सामना नहीं करना पड़ता। ईश्वर ने हर किसी को एक विशेष उद्देश्य के साथ बनाया है। कभी-कभी हमें अपनी क्षमताओं का सही मूल्य समझने में समय लगता है, लेकिन ईश्वर की योजना हमेशा सही होती है। हमें बस धैर्य रखना है और उस पर विश्वास करना है।


आध्यात्मिक कोट्स:

  • "ईश्वर की योजना हमेशा हमारी अपेक्षाओं से बेहतर होती है।"
  • "धैर्य रखो, क्योंकि ईश्वर का समय सही समय होता है।"
  • "हर कठिनाई के पीछे ईश्वर की एक सुनहरी योजना छुपी होती है।"


प्रेरणादायक संदेश:


जीवन में कभी-कभी हमें लगता है कि हमारे प्रयास व्यर्थ जा रहे हैं, लेकिन ईश्वर हमेशा हमारे साथ होता है। उसकी योजना हमेशा हमारे लिए सर्वोत्तम होती है। बस हमें धैर्य रखना है और उस पर विश्वास करना है।



मंगलवार, 3 अक्टूबर 2023

भगवान का आशीर्वाद: आदर्श मंदिर की कहानी | धार्मिक यात्रा की रोचक कथा | धार्मिक ग्रंथ

इस आदर्श मंदिर की कहानी से जुड़े हमारे नए वीडियो में हम आपको एक अद्भुत और भक्तिपूर्ण यात्रा पर लेकर जाते हैं। देखें कैसे भगवान का आशीर्वाद एक छोटे से मंदिर के रूप में अद्वितीय रूप से प्रकट होता है। यह कहानी हमें धार्मिक और मानवता के महत्वपूर्ण संदेश देती है। वीडियो को देखकर आप भी इस अद्वितीय यात्रा का हिस्सा बनेंगे।



बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक प्राचीन मंदिर था जिसमें एक अत्यंत शक्तिशाली भगवान की मूर्ति थी। इस मंदिर के पूजारी बहुत ही ईमानदार और भक्तिभाव से काम करते थे।

गाँव के लोग रोज़ाना इस मंदिर में आकर भगवान की पूजा करते थे और पूजारी उनकी प्रार्थनाओं का हमेशा सम्मान करते थे। भगवान ने भी अपने भक्तों की प्रार्थनाओं को सुना और उनके दुखों को दूर किया।

एक दिन, गाँव में एक बड़ा संकट आया, जिसका समाधान केवल भगवान से ही संभव था। लोग बेहद चिंतित हो गए और मंदिर के पास आकर भगवान से मदद की प्रार्थना करने लगे।उनकी भक्ति और प्रार्थना ने भगवान को प्रसन्न किया, और भगवान ने उनकी समस्या को हल किया।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि भक्ति और विश्वास की शक्ति सभी संकटों को दूर कर सकती है और भगवान हमें सहायता करने के लिए हमेशा तैयार होते हैं।


शनिवार, 5 मार्च 2022

कृष्णा जी की आरती - Krishna Ji Ki Aarti - धार्मिकग्रन्थ

कृष्णा जी की आरती | Krishna ji ki aarti
कृष्णा जी की आरती | Krishna ji ki aarti 


आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥२

गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥२॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै, बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥२॥

जहां ते प्रकट भई गंगा, सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा, बसी शिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥२॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू, हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद, कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥२॥


krishna ji ki aarti


शुक्रवार, 4 मार्च 2022

आरती श्री रामायण जी की - Aarti Shri Ramayan Ji Ki - धार्मिकग्रन्थ

आरती श्री रामायण जी की
आरती श्री रामायण जी की

आरती श्री रामायण जी की

आरती श्री रामायण जी की, कीरति कलित ललित सिया-पी की,

गावत ब्राह्मादिक मुनि नारद, बालमीक विज्ञान विशारद

शुक सनकादि शेष अरु शारद, बरनि पवनसुत कीरति नीकी || 1 ||


आरती श्री रामायण जी की, कीरति कलित ललित सिया-पी की,


गावत वेद पुरान अष्टदस, छओं शास्त्र सब ग्रन्थन को रस ||

मुनि-मन धन सन्तन को सरबस, सार अंश सम्मत सबही की || 2 ||


आरती श्री रामायण जी की, कीरति कलित ललित सिया-पी की,


गावत सन्तत शम्भू भवानी, अरु घट सम्भव मुनि विज्ञानी

व्यास आदि कविबर्ज बखानी, कागभुषुण्डि गरुड़ के ही की || 3 ||


आरती श्री रामायण जी की, कीरति कलित ललित सिया-पी की,


कलिमल हरनि विषय रस फीकी, सुभग सिंगार मुक्ति जुबती की,

दलन रोग भव मूरि अमी की, तात मात सब विधि तुलसी की || 4 ||


आरती श्री रामायण जी की, कीरति कलित ललित सिया-पी की ||

गुरुवार, 3 मार्च 2022

लड्डू गोपाल की आरती - Laddu gopal ki aarti - धार्मिकग्रन्थ

laddu-gopal-ki-aarti
लड्डू गोपाल की आरती | धार्मिकग्रन्थ 

लड्डू गोपाल की आरती

आरती जुगल किशोर की कीजै, 

राधेधन न्यौछावर कीजै ॥ 

रवि शशि कोटि बदन की शोभा, 

ताहि निरखि मेरा मन लोभा ।।

गौर श्याम मुख निरखत रीझै,

 प्रभु को स्वरूप नयन भर पीजै। 

कंचन थार कपरू की बाती, 

हरि आयेनि र्मलर्म भई छाती।

फूलन की सेज फूलन की माला, 

रतन सिंहासन बैठेनन्दलाला।

मोर मुकुट कर मुरली सोहै , 

नटवर वेष देखि मन मोहै।। 

आधा नील पीत पटसारी, 

कुञ्ज बिहारी गिरिवरधारी।।

श्री पुरुषोत्तम गिरवरधारी, 

आरती करेंसकल ब्रजनारी।।

नन्द लाला वृषभान् किशोरी, 

परमानन्द स्वामी अविचल जोरी ।। 

आरती जुगल किशोर की कीजै, 

राधेधन न्यौछावर कीजै ।।